जीवन के प्रवाह के साथ, हमने हजारों नई कहानियाँ और कविताएँ पढ़ी हैं। प्रत्येक कविता या कहानी अलग अलग शिक्षा देता है। वो चाहे पंचतंत्र की कहानी हो या फिर प्रेमचंद की, प्रत्येक पाठ से नई सीख मिलती है जो आगे चलकर जीवन में काम आते हैं। फिर वो चाही कहानी हो या कविता, केवल सारांश जनना काफी नहीं है, कहानी से जुरे नैतिक मूल्यों को सीखना, और जीवन में उनका प्रयोग करना बहूत ज़रूरी है।
साहित्य का अध्ययन करना शब्दावली, लेखन और बोलने के कौशल में सुधार करने का सबसे आसान तरीका है। यह हमारी शब्दावली और संचार कौशल को भी बढ़ाता है।
साहित्य हमें अपने बारे में सिखाता है। चूँकि लोग वैसा ही सोचते और महसूस करते हैं, जैसा वे सौ साल पहले करते थे, अतीत के पात्रों और कहानियों से सीखे गए सबक आज भी जीवन पर लागू होते हैं। साहित्य मानवीय प्रतिक्रियाओं से भरा है जो हमें मानव हृदय की प्रकृति और स्थिति को समझने में मदद करता है।
साहित्य ज्ञान और विश्वदृष्टि हासिल करने में मदद करता है। साहित्य समाज का दर्पण है। अच्छाई और बुराई, अन्याय और उसके परिणाम सभी हमें समाज में बदलाव लाने की चुनौती देते हैं।
साहित्य हमें सामुदायिक गौरव और अन्य संस्कृतियों के प्रति सम्मान विकसित करने में भी मदद करता है।
हालांकि हम एक तकनीकी युग में रहते हैं, साहित्य की किताबें पढ़ना अभी भी मजेदार है। साहित्य में पात्र, कहानियां और भाषा दिमाग को संलग्न करती है, ख़ाली समय का उपयोग करने में मदद करती है, और एक अच्छा इंसान बनने में सहायता करती है।
"साहित्यसंगीतकला विहीन: साक्षात् पशुः पुच्छविषाणहीनः ।" - भर्तृहरि
(साहित्य संगीत और कला से हीन पुरूष साक्षात् पशु ही है जिसके पूँछ और् सींग नहीं हैं ।)
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